कमलनाथ सरकार की उपलब्धियां व सरकार की दिशाहीनता बताने वाला बजट भूपेन्द्र गुप्ता मीडिया उपाध्यक्ष कांग्रेस


जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय घटी ।

कमलनाथ सरकार के काम खुद बोल रहे हैं-भूपेन्द्र गुप्ता

भोपाल। पंचमहलकेसरी9425734503, मध्य प्रदेश भाजपा सरकार के बजट पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बजट को विकास के लिए प्रतिगामी बताया है। गुप्ता ने कहा कि यह बजट ना तो रोजगार के नए अवसरों के लिए आश्वस्त करता है ना ही कोई दिशा दिखाता है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 90487 रुपए से बढ़ाकर एक लाख तीन हजार दो सौ अठ्ठासी रुपए कर दी थी किंतु एक साल में ही मध्य शिवराज सरकार ने 15 प्रतिशत की इस बढ़त को 4870 रुपए तक घटा दिया है।गुप्ता ने साफ किया कि मध्यप्रदेश में लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार  झूठ बोलकर जनता में जो भ्रम फैलाती रही है वे सच जरूर इस.बजट से सामने आ गए हैं ।सभी मंत्री चुनाव प्रचार के दौरान कहते थे कि पिछली सरकार ने किसी भी कन्या को ₹51हजार का अनुदान नहीं दिया किंतु कन्या विवाह में सरकार ने यह माना है कि कमलनाथ सरकार ने एक साल में में 42011 कन्याओं के विवाह में 202.91 करोड़ रुपए का अनुदान बांटा है। जबकि शिवराज सरकार ने एक साल  में मात्र 14900 कन्याओं को ही विवाह अनुदान दिया है ।
गुप्ता ने आश्चर्य व्यक्त किया कि मध्य प्रदेश की सरकार 16 लाख प्रवासी मजदूरों के लिए जिस तरह खाते में ₹1000 भेजने के गीत गा रही थी वह भी पूरी तरह बेनकाब हो गया है। सरकार स्वयं बता रही है कि उसने 15 करोड़ 50लाख  रुपए प्रवासी मजदूरों के खाते में डालें यानि इस तरह केवल एक लाख 55हजार  मजदूरों को ही ₹1000 की परिवहन सहायता दी गई। और साडे 14 लाख मजदूर इससे वंचित रहे।वे या तोअपने पैसे से या फिर पैदल चलकर घर पहुंचे हैं ।गुप्ता ने कहा की 1000 गौशाला, मेडिकल कॉलेज और मेट्रो की घोषणा भी कमलनाथ सरकार के परिश्रम का परिणाम है। जिनके इस सरकार को फीते मात्र काटना है। पुजारियों का मानदेय कमलनाथ सरकार की  देन है  ।जबकि आदिवासी कन्या विद्यालयों के निर्माण की घोषणा केवल घोषणा प्रतीत होती है आज  प्रतीत होती है क्योंकि 5 हजार से अधिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा सरकार बजट के पहले ही कर चुकी है।
 हालांकि सरकार आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का नारा लगा रही है लेकिन मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना जिसके माध्यम से गरीबों को अपने पांव पर खड़े होने के लिए 50हजार की सहायता की जाती है उसमें शिवराज सरकार ने मात्र 493 हितग्राहियों को लगभग 2 करोड़  80 लाख की सहायता की है जबकि एक वर्ष में कमलनाथ सरकार ने इस योजना से 12657 हितग्राहियों को लगभग ₹57 करोड़ की सहायता कर वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की थी ।
भूपेंद्र गुप्ता ने खुलासा करते हुए कहा कि सदा की तरह प्रदेश में सिंचाई के रकबे के भ्रामक आंकड़े सरकार ने प्रस्तुत किए हैं ।आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार प्रदेश में 113 लाख 56  हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है, जिसमें से शासकीय नेहरों और तालाबों से मात्र 25 लाख 40 हजार हेक्टेयर भूमि की ही सिंचाई होती है। किंतु सरकार 65 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की घोषणा कर रही है ।अगर यह सही है तो 113 लाख हेक्टेयर की सिंचाई का आंकड़ा कहां से आया? और अगर यह घोषणा है तो 40 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई शासकीय संसाधनों से कैसे होगी? सरकार को यह बताना चाहिए ।गुप्ता ने किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से किसानों को गाजर लटका कर लालच देने की कोशिश बताया है जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय तक यह जानता है कि किस तरह मध्यप्रदेश में सम्मान निधि का वितरण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। ढाई लाख से अधिक अपात्र किसानों को लगभग 54 करोड़ रूपया बांट दिया गया जिसकी किसानों से वापस बसूली की जा रही है। शून्य प्रतिशत ब्याज की संगीत रहित ढपली पिछले 15 वर्षों से बजाई जा रही है जो कृषक समुदाय के बीच हताशा और अवसाद को समाप्त करने में असफल साबित हुई है।भ्रष्ट अधिकारियों और ब्याज पर पैसा चलाने वालों ने इस योजना का लाभ उठाया है।सरकार को इसकी समीक्षा कर योजना के लीकेज रोकना चाहिये।गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से 33% ज्यादा है एवं मातृ मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से 26% अधिक है यह मध्य प्रदेश की डिंढोरची सरकार के डिलीवरी सिस्टम की पोल खोलती है ।गुप्ता ने  बजट का इस दृष्टिकोण से स्वागत किया कि सरकार ने अलग-अलग समय पर कमलनाथ सरकार के खिलाफ जो झूठा निंदा अभियान चलाया था वह बेनकाब हो गया है ।गुप्ता ने हर 15 किलोमीटर के दायरे में एक बेहतरीन स्कूल खोलने की घोषणा को हास्यास्पद बताया है और कहा है कि शायद मुख्यमंत्री जी को यह स्मरण नहीं है कि वह 10 बरस पहले प्रत्येक 3 किलोमीटर पर एक शाला बनाने की घोषणा कर चुके हैं। गुप्ता ने मांग की कि सरकार को प्रदेश की विस्तृत वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करते हुए आत्मनिर्भरता के प्राथमिकता क्षेत्रों की विधिवत घोषणा के साथ उसके रोड मैप और  क्रियान्वयन का समय बद्ध कार्यक्रम  बताना चाहिए।

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