ग्वालियर -जांच में दोषी जनजाति कार्य विभाग ग्वालियर के अधिकारियों को हटाया जाए है अन्यथा आंदोलन होगा प्रेम नारायण आदिवासी अध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जनजाति ग्रामीण ग्वालियर

ग्वालियर।16 अप्रैल 2023 मध्य प्रदेश शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग जिला ग्वालियर में दलित और आदिवासी विरोधी अधिकारियों भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आज प्रेस को जारी विज्ञप्ति में प्रेमनारायण आदिवासी अध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ग्रामीण जिला ग्वालियर ग्वालियर में आए मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला ग्वालियर के अधिकारी और संभागीय अधिकारी हम सहरिया जनजाति को हमारी सरकार में हक और अधिकार से वंचित किए हुए हैं यह अधिकारी दोनों ही जा़चो़ में दोषी है हरी बाबू शर्मा और उषा पाठक कई बार हमारे संगठनों के माध्यम से हमारे सहरिया  जाति के प्रतिनिधिमंडल आयुक्त ग्वालियर संभाग और कलेक्टर ग्वालियर और नए जिला पंचायत सीईओ से मिल चुके हैं ज्ञापन लेते हैं और उन पर पत्राचार कर के कोई कार्रवाई नहीं करते हैं प्रभार भी उन दोनों अधिकारियों को गलत तरीके से दिया गया है हरी बाबू शर्मा प्राचार्य है और संभागी कार्यालय में पदस्थ वेतन भी वहीं से मिलना है वर्ष 2015 में उच्च माध्यमिक विद्यालय रायपुरिया जिला झाबुआ से मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश से संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग संभाग ग्वालियर के विकल्प पर ट्रांसफर हुआ था लेकिन आज तक इनको संभागीय उपायुक्त द्वारा संभाग के प्राचार्य के पद के लिए कार्यमुक्त किया गया है जिले के अधिकारी ने प्रभार दिया गया है जबकि प्राचार्य है प्राचार्य राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी नहीं होता है और न ही यह सहायक संचालक है आदेश ही टोटल गलत है आदेश की भाषा लिखी हुई है कार्य व्यवस्था की दृष्टि से राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के मध्य निम्न अनुसार कार्य विभाजन किया जाता है इस आदेश में पहले नंबर पर हरी बाबू शर्मा का नाम है लेकिन पद का कोई उल्लेख नहीं है दूसरे नंबर पर विनोद भार्गव  का नाम है उनके नाम के नीचे उनके पद का उल्लेख है संयुक्त कलेक्टर तो फिर इस प्राचार्य का पद क्यों नहीं लिखा गया भ्रष्टाचार के माध्यम से प्रभार दिया गया है प्रभार हटाने के लिए कई ज्ञापन दिए जा चुके हैं लेकिन प्रशासन और शासन के कान पर जूं नहीं रे़ग रहा है करोडो रुपए की फर्जी छात्रवृत्ति मैं भ्रष्टाचार इनके द्वारा किया गया है जब की एडिओ है बाबुओं के खिलाफ एफ आई आर दर्ज है जेल चले गए तो फिर डीडिओ कैसे बच गया इनसे पहले अधिकारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज है न्यायालय में प्रकरण प्रचलन में है इनके पहले और बाद में प्रभार में रहे उन पर एफ आई आर दर्ज है तो फिर इनके खिलाफ आज तक क्यों नहीं की जा रही इसी प्रकार प्रभारी संभागीय उपायुक्त  श्रीमती ऊषा पाठक को तत्कालीन कलेक्टर ने वर्ष 2019 में जांचों में दोषी पाया है जो आरोप लगाए गए थे सभी बिंदुओं में दोषी है कलेक्टर ने जांच प्रतिवेदन निलंबित करने के लिए और संपूर्ण विभाग की जांच जांचदल गठित करके इनके कार्यकाल की जांच दल गठित कर जांच करने का प्रस्ताव आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर को भेजा गया था यह प्रस्ताव आज तक धूल खा रहा है इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई अजाक थाना जिला गवालियर में फर्जी छात्रवृत्ति  की प्रकरण में आरोपी है माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ से जमानत पर है जिला न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन फिर भी प्रभारी संभागीय उपायुक्त का प्रभार दे दिया गया है मैं भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति ग्रामीण मोर्चा ग्वालियर का जिला अध्यक्ष हूं कई बार मैं कलेक्टर कमिश्नर से मिला हूं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है यदि इन दोषी दोनों अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई नहीं की गई निलंबित नहीं किया गया और प्रभार से नहीं हटाया गया तो मैं अपने सहरिया जनजाति के साथ आंदोलन करने के लिए बाथय होऊंगा मेरे लिए पार्टी बाद में है पहले मेरा समाज है मेरे समाज के 50 शिक्षकों को लगभग 3 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है जो भाषा ही शिक्षक है 15 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं आज तक नियमित नहीं किया गया है जबकि न्यायालय से जीत चुके हैं न्यायालय ने हमारी सेवाओं को नियमित माना है लेकिन जनजाति कार्य विभाग जिला गवालियर और संभाग ग्वालियर के अनुसूचित जाति जनजाति विरोधी अधिकारी जो भ्रष्टाचार के माध्यम से अपने पदों पर जमे हुए हैं हमें भूखों मारने के लिए मजबूर कर रहे हैं मध्यप्रदेश में सहरिया जनजाति विशेष पिछड़ी जनजाति में आती है इस जाति के जो शिक्षित बेरोजगार है उन्हें बगैर परीक्षा के योग्यता के अनुसार नौकरी दिए जाने का प्रावधान है विभाग द्वारा निरंतर सर्वे किए जाने का प्रावधान है कि सहरिया जाति के परिवारों का निरंतर सर्वे करें लेकिन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आज तक किसी प्रकार का कोई सर्वे नहीं किया गया है हमारे एक पीएमएस आदिवासी कन्या छात्रावास शासन से स्वीकृत है लेकिन आज तक एक भी छात्रा का इस छात्रावास में प्रवेश नहीं किया गया है इसी प्रकार एक आदिवासी बालक छात्रावास पीएमएस वर्ष 2016-17 में शासन से स्वीकृत है उसमें भी एक भी आदिवासी बालक का प्रवेश विभागीय अधिकारियों द्वारा नहीं कराया गया है इस प्रकार 50 छात्र 50 छात्राओं को अधिकारों से वंचित किया गया है इनके खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए हमारे ज्ञापन पत्र लंबित है अनुसूचित जाति जनजाति के उन पर कार्रवाई आज तक नहीं की गई है कार्रवाई करने से पहले इन दोनों अधिकारियों को हटाया जाए उसके बाद इनके कार्यकाल की निष्पक्ष जांच की जाए तभी हमारा भारतीय जनता पार्टी में रहना उचित है अन्यथा सब बेकार है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महोदय ग्वालियर के सांसद महोदय और ग्वालियर के केंद्रीय मंत्री श्रीमंत सिंधिया जी और श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी तथा मध्य प्रदेश के राज्य मंत्री मंत्री जो गवालियर के हैं उनसे निवेदन करते हैं कि इन भ्रष्ट अधिकारियों को ग्वालियर से सीधी रवानगी डालें अन्यथा हम सहरियाओं को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा और मैं स्वयं आंदोलन में शामिल रहूंगा ।
 

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