भोपाल।14 अप्रैल के बाद लॉक डाउन का स्वरूप अलग होगा , मुख्यमंत्री छोटे लघु संपादकगढ झेल रहे लाकडाउन कोरोनावायरस की मर परिवार चलाने में असर्मथ।

कोरोना संकट में जनता और शासन के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं पत्रकार


पत्रकार सकारात्मक रिपोर्टिंग से जनता का मनोबल बढ़ाते रहें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वी.सी. के माध्यम से प्रदेश के पत्रकारों से की चर्चा 


पंचमहलकेसरी अखबार


भोपाल।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के पत्रकारगण मौजूदा कोरोना संकट के दौरान अपनी जान हथेली पर रखकर समाचारों एवं सूचनाओं के संप्रेषण के माध्यम से जनता और शासन के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं। वे अपनी सकारात्मक खबरों के माध्यम से जनता का मनोबल बढ़ा रहे हैं। वे पत्रकारिता के उच्च मानदंडों का पालन कर जनता की सेवा कर रहे हैं। श्री चौहान ने कहा है कि मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं तथा आशा करता हूं कि पत्रकारगण आगे भी इसी प्रकार जनता का हौसला बढ़ाते रहेंगे। श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों के पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि और संचालक जनसंपर्क श्री ओ. पी. श्रीवास्तव उपस्थित है।


जीता नहीं है परंतु नियंत्रित अवश्य किया है


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई सभी के सहयोग से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अभी इस लड़ाई को जीता नहीं है, परंतु नियंत्रित जरूर किया है। श्री चौहान ने कहा कि पत्रकारगण, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस, प्रशासन, सफाई कर्मी, सामाजिक संगठन आदि सभी मिलकर जी-जान से इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। मुख्यमतंत्री ने आश्वस्त किया कि हम इस युद्ध को जल्दी से जल्दी जीतेंगे।


प्रदेश में त्रि-स्तरीय रणनीति


मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए प्रदेश में त्रि-स्तरीय रणनीति अपनाई जा रही है। पहले स्तर पर इंदौर एवं भोपाल जैसे महानगरों में व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जहां प्रदेश का लगभग 80% संक्रमण है। दूसरे स्तर पर प्रदेश के उन 20 जिलों में कार्य किया जा रहा है, जहां कोरोना के मरीज मिले हैं। सभी संक्रमित क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जिससे संक्रमण दूसरे स्थानों पर ना फैले। तीसरे स्तर पर प्रदेश के 30 जिले आते हैं, जिनमें अभी संक्रमण नहीं है। पूरे प्रयास किए जा रहे हैं कि यहां संक्रमण न फैले।


निजी मेडिकल कालेजों में टेस्टिंग सुविधा


मुख्यमंत्री ने बताया कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया, तब प्रदेश में टेस्टिंग के लिए मात्र एक लैब थी तथा बहुत कम संख्या में टेस्टिंग होती थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सात लैब कार्य कर रहे हैं जहां पर 1000 से अधिक प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता हो गई है। शुरू करने के निर्देश सरकार ने प्रदेश के समस्त सरकारी मेडिकल कालेज के साथ-साथ निजी मेडिकल कॉलेज में भी टेस्टिंग सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। टेस्टिंग क्षमता को और बढ़ाया जा रहा है। आज ही प्रदेश से 1700 नमूने टेस्टिंग के लिए दिल्ली लैब में विमान से भिजवाए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य अमले के लिए हम 5000 पीपीई किट्स रोज बना रहे हैं। इनकी संख्या हम 10000 प्रतिदिन तक कर लेंगे। इसके अलावा, मास्क आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है, जहां पर्याप्त संख्या में बेड और अन्य सुविधाएं हैं। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की गोली हमारे यहां बन रही है। इसके साथ ही हम लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक, होमोपैथिक और यूनानी दवाइयां गाँव-गाँव में वितरित कर रहे हैं। अभी तक 7,00,000 से अधिक लोगों को दवाइयां वितरित की जा चुकी हैं।


व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा के लिए भोपाल स्तर पर मेरी की अध्यक्षता में कोर टीम गठित की गई है, जिसकी रोज बैठक होती हैं। इसके साथ, ही जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें अधिकारियों के साथ सामाजिक संगठन, धर्मगुरु, समाज सेवी संगठन आदि को शामिल किया गया है, जो जिलेवार स्थितियों की नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं।


जनता को 3 माह का निशुल्क उचित मूल्य राशन


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को कोरोना संकट के दौरान खाद्य सामग्री एवं निशुल्क भोजन की उपलब्धता हर जिले में सुनिश्चित कराई जा रही है। अभी तक ऐसे 5 करोड़ 40 लाख उचित मूल्य उपभोक्ताओं को 3 माह का निशुल्क उचित मूल्य राशन प्रदान किया गया है। इसके अलावा, 32 लाख ऐसे अन्य लोगों को भी एक माह का निशुल्क उचित मूल्य राशन दिया गया है।


कोरोना योद्धाओं को प्रणाम


मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पत्रकारों सहित स्वास्थ्य विभाग के अमले, पुलिस, प्रशासन, सामाजिक संगठनों, धर्मगुरुओं आदि सभी व्यक्तियों को प्रणाम करता हूं, जो इस संकट के दौर में कोरोना योद्धा के रूप में जनता को मदद पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।


कोरोना ऐसी बीमारी नहीं, जो ठीक ना हो सके


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना ऐसी बीमारी नहीं है, जो ठीक ना हो सके। यदि लक्षण दिखने पर उसका इलाज करा लिया जाए, तो यह बीमारी ठीक हो जाती है। देर होने पर ही स्थिति बिगड़ती है। अतः लक्षणों को छुपाएं नहीं बल्कि तुरंत टेस्ट करवाएं।


सुनिश्चित करेंगे दवाइयों की आपूर्ति और उत्पादन


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में दवाइयों की कहीं भी कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके साथ ही, दवाओं का उत्पादन जारी रहे, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है।


बाधित नहीं होगी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति


मुख्यमंत्री ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की जनता को कमी नहीं आएगी, इसकी व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन के माध्यम से दवा, दूध, सब्जियां, फल, किराना आदि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा, शहरों के बाहर विकेंद्रीकृत मंडियों के माध्यम से किसानों के फल और सब्जी खरीदने की भी व्यवस्था की जा रही है।


मुख्यमंत्री की दिनचर्या नियमित योग-प्राणायाम-संतुलित भोजन


पत्रकारों ने कोरोना संकट में योद्धा की तरह निरंतर कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान की सराहना की तथा उनसे उनकी दिनचर्या पूछी। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे रोज सुबह 5:30 बजे उठते हैं तथा योग-प्राणायाम नियमित रूप से करते हैं। साथ ही संतुलित भोजन लेते हैं। बाकी दिनचर्या में सुबह से लेकर रात में सोने तक निरंतर कोरोना संबंधी कार्य में व्यस्त रहते हैं।


अलग होगा 14 के बाद लॉक डाउन का स्वरूप


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि अभी 14 अप्रैल के बाद भी प्रदेश में लॉक डाउन जारी रहेगा, परंतु 14 अप्रैल के बाद लॉक डाउन का स्वरूप अलग होगा। इस दौरान उपार्जन, मनरेगा कार्य, छोटी-मोटी आर्थिक गतिविधियां आदि उन क्षेत्रों में की जाएंगी, जहां संक्रमण नहीं है।


लॉकडाउन के बाद सुधारेंगे आर्थिक स्थिति


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सरकार इस संबंध में चिंतित है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जो निरंतर अध्ययन कर रही है कि कोरोना संकट समाप्त होने के बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति को कैसे सुधारा जाए।


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