डबरा।देश की सीमा पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को  मेरी श्रद्धांजलि , कविता के माध्यम से दी साधना ने श्रृद्धांजलि

देश की सीमा पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को  मेरी श्रद्धांजलि ।


 अमर शहीदों की प्रेरणा से उनकी मां के लिए उनका संदेश,।
 कल तक जो तेरा लाल था,
 भारत का हो गया,।
  गोदी में मातृभूमि की अपनी वो सो गया


 है नाज बहुत देश को,तेरे सपूतों पर,
 ना रो मेरी मां लाल तेरा हो गया अमर,।


 कुल का किया है नाम है अभिमान देश को,
 मां पोछ ले आंसू जरा इस ओर देख तो,


 मां दूध को लज्जित नहीं मैंने तेरे किया, तेरा भी कर्ज दूध का मैंने चुका दिया,।


 मां देख तेरे द्वार पर सब लोग आए हैं श्रद्धा के पुष्प मां मुझे सबने चढ़ाए है ,।


मां लाल तेरा दूर ना तुझसे कहीं गया, होकर शहीद लाल तेरा,तेरा हो गया,।


 भारत का नाम कर दिया तेरे सपूत ने बलिदान दिया मां मेरी ये तेरे दूध ने,।


वरना यहां पहचान ना, कोई थी मां मेरी ,
 आया जो काम देश के है मां दुआ तेरी,l
                      मां
            जय हिंद जय भारत,
      रचनाकार साधना सोनी डबरा,
           ग्वालियर मध्य प्रदेश


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