मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति के अमर शहीद वीर मनीराम जी अहिरवार "शहीद" दर्जा से वंचित।मूलचंद मेंधोनिया
मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति के अमर शहीद वीर मनीराम जी अहिरवार "शहीद" दर्जा से वंचित ।

सरकार शीघ्र अहिरवार समाज के एक मात्र देश की आजादी में शहादत देने वाले वीर मनीराम जी अहिरवार को सम्मान प्रदान करें।
एम एस बिशौटिया प्रधान संपादक 9425734503
न्याय की पुकार ।।देश की आजादी के लिए हर वर्ग के महापुरुषों ने योगदान दिया है। जिस नकारा नहीं जा सकता है और न ही मिटाया जा सकता है। वह जो इतिहास है, मौजूद है उसे सम्मान देना ही होगा। जो जागरूक थे, या उन समाज के लोगों की पहल पर उन्होंने अपने महापुरुषों को सम्मान दिलाया। ये अच्छा काम है। लेकिन अनुसूचित जाति के मध्यप्रदेश में सिर्फ एक महान क्रांतिकारी अहिरवार समाज के वीर मनीराम जी हुए। उनको आज तक सरकार द्रारा शहीद का दर्जा नहीं दिया है। स्मरणीय हो कि जिला नरसिंहपुर के नगर चीचली का अधिकार शहीद परिवार के सभी लोग पढें लिखे नहीं था। उनसे शोक्षणिक प्रमाणपत्र मांगे गए उपलब्ध न होने के कारण वीर मनीराम जी अहिरवार आज हर प्रकार से सरकारी सम्मान /दर्जा से वंचित हैं। वीर शहीद मनीराम जी अहिरवार के उत्तराधिकारी मूलचंद मेंधोनिया ने तीन दसक पहले सरकार और प्रशासन से मांग की थी। तथा बहुत प्रयास किया की मेरे दादा जी जिन्होंने सन 1992 के असहयोग आन्दोलन में सबसे आगे आकर लड़ाई लड़ी उन्हें शहीद का दर्जा देने हेतु प्रशासन ने इनसे समस्त परिवार का रिकॉर्ड मांग लेकिन सन 19 64 की बाढ़ में सभी रिकॉर्ड बाढ़ में पानी से वह जाने के कारण उपलब्ध नहीं। जिला के  इतिहास और चीचली में उपलब्ध इतिहास के आधार, लेख, रिपोर्ट और लोगों से बयान रिकार्ड के आधार पर वीर मनीराम जी अहिरवार को शहीद दर्जा प्रदान किया जाये और परिवार के लोगोंका सम्मान होना चाहिए।
अमर वीर शहीद मनीराम जी अहिरवार का योगदान
निम्नानुसार है - - -
19 42 में चीचली में हुए सत्याग्रही जुलूस के दौरान आंदोलनकारियों के साथ अहिरवार समाज के वीर मनीराम जी अहिरवार ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। गोली चलाने को ललकारा और अपना सीना तान कर अंग्रेजों से मुकाबला किया। वीर मनीराम जी अहिरवार को लक्ष्य करके गोली चलाई गई। इनके पास खड़ी गौराबाई को एक गोली लगी और उनकी मौत हो गई। यह घटना के विरोध में वीर मनीराम जी आग बबूला होकर अंग्रेजी सेना पर अनगिनत पथराव किया। पुनः गोली चलाई गई जो की मंशाराम जसाठी को लगीं। वे भी मोके पर शहीद हो गए। इनकी शहादत के बाद मनीराम जी सेना से बिना औजार से लडे। वीर मनीराम जी काफी फूर्ती वाले अखाड़े के कलाबाज थे। जो गोली का बचाव करते हुए अपने देश और वतन के खातिर सीधा वीरता पूर्वक अहिरवार समाज के एवं अनुसूचित जाति का मान बढ़ाया। वीर मनीराम जी अहिरवार को बाद में गिरफ्तार कर उनपर अत्याचार करने लगे। उनसे बेगारी और गुलामी न करने पर मारपीट कर बहुत प्रताड़ित किया गया।
वीर मनीराम जी अहिरवार सतगुरु संत शिरोमणि रविदास जी के वंशज थे। उन्होंने मारपीट प्रताड़ना कुबूल कर ली लेकिन बेगारी करने को तैयार नहीं हुए। ऐसे क्रांतिकारी वीर मनीराम जी अहिरवार थे। जिन्होंने अपना और अपनी समाज की आन बान शान रखी। चीचली के शहीद दिवस पर प्रतिवर्ष23अगस्त को मेला लगता है। अनुसूचित जाति के अहिरवार समाज के वीर मनीराम जी की लड़ाई और उनके गुणगान किया जाता है। सत्याग्रह आंदोलन में वीर मनीराम जी की वजह से मंशाराम जसाठी एवं गौराबाई जी शहीद हुए।
लेकिन अफसोस है कि अहिरवार समाज के  वीर सपूत को तब से लेकर आज तक सरकार द्रारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तक का दर्जा नहीं दिया गया है। जबकि अंग्रेजी सेना से मुकाबला करते हुए इन्हें प्रताड़ित करने और शरीरिक यातनाएं दी। जिसके कारण उन्होंने अपनी जान को वतन के लिए न्यौछावर कर कर दी। अहिरवार समाज के अनुसूचित जाति वर्ग के एवं समस्त देशप्रेमी सम्मानित लोगों से विनम्र अपील है कि वीर योद्धा मनीराम जी अहिरवार को को राष्ट्रीय और प्रदेश सरकार से शहीद होने का सम्मान दिलाने के लिए सभी अपने अपने स्तर पर सरकार से मांग करने की क्रपा करे।
🙏अपीलकर्ता 🙏
मूलचंद मेंधोनिया (शहीद सुपौत्र)
अमर शहीद वीर मनीराम जी अहिरवार, चीचली (नरसिंहपुर)
सम्पर्क /वाटसव 8878054839
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