ग्वालियर। पुलिस अधिकारीयो के राजनैतिक पकड़ हाईकोर्ट ने दलित नाबालिग से गैंगरेप मामले में लिया फैसला कहा चंबल संभाग से हाटाऐ जावे । सीबीआई करे जांच , पुलिस अधिकारी मंत्रीयो की रिस्तेदार बचाव में नेता । एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा ने निशुल्क केस लिया जीत दिलाई।
दलित नाबालिग से गैंगरेप पर हाईकोर्ट का सख्त फैसला।थाने में पीड़िता से मारपीट व शिकायत ना सुनने पर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई । मामले को सीबीआई के हवाले करने के निर्देश।5 पुलिस अधिकारियों पर लगाई 50 हजार की कॉस्ट सभी अधिकारियों पर इंक्वायरी के साथ ग्वालियर मुरैना रेंज से बाहर तबादला करने के निर्देश भी दिए।
ग्वालियर। मुरार इलाके में हुए दलित नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में हाईकोर्ट ने फरियादी लड़की और परिजनों के साथ मारपीट करने और आरोपियों की मदद करने को पुलिस का गंभीर कृत्य माना है और पूरे मामले को सीबीआई के हवाले करने के निर्देश दिए।मारपीट के दोषी मुरार थाने के टीआई अजय पवार और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। साथ ही एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर, सीएसपी रामनरेश पचौरी, टीआई प्रीति भार्गव, टीआई अजय पवार, एसआई कीर्ति उपाध्याय पर इंक्वायरी बैठाने के साथ 50 हज़ार रुपए की कॉस्ट भी लगाई है। इन सभी पांचों पुलिस अधिकारियों को ग्वालियर चंबल रेंज से बाहर भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही हर्जाने की रकम पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं और कहां है, कि मुआवजे के लिए पीड़िता अलग से न्यायालय में गुहार लगा सकती है। इस पूरे मामले में खास पहलू यह रहा, कि बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने पीड़ित लड़की की ओर से निशुल्क केस लड़ा है
ये है मामला
मामला 31 जनवरी का है। जब शहर के उपनगर मुरार थाना क्षेत्र के सीपी कॉलोनी इलाके में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया था। पुलिस ने मामले में 24 घंटे से ज्यादा समय तक पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं की थी। लेकिन इस मामले में लड़की के बयानों ने पुलिस की उलझन बढ़ा दी थी। लड़की का आरोप था,कि उस पर मामला दर्ज नहीं कराने के लिए मुरार पुलिस ने दबाव बनाया और उसके व उसके परिजनों के साथ मारपीट की है। जबकि पुलिस ने इन आरोपों को नकारा था। बाद में जब मामला सुर्खियों में आया तब शासकीय अधिवक्ता ने लड़की के 164 के तहत सीजेएम कोर्ट में बयान दर्ज कराए थे। जिसमें लड़की ने साफ तौर पर कहा था, कि वह मुरार पुलिस के साथ मेडिकल अथवा अन्य औपचारिकता के लिए नहीं जाना चाहती है। इसलिए सीजेएम कोर्ट ने लड़की को सीएसपी आरएन पचौरी के सुपुर्द कर दिया था। खास बात यह थी, कि घटना को 24 घंटे हो चुके थे, लेकिन पीड़ित लड़की का मेडिकल नहीं हो सका था।
पीड़ित लड़की के मुताबिक 31 जनवरी रविवार रात को 8 बजे सीपी कॉलोनी में रहने वाले गंगा सिंह भदोरिया के नाती आदित्य भदोरिया और उसके दोस्त ने लड़की को घर में अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म कर दिया था। जैसे ही घटना की जानकारी मकान मालिक गंगा सिंह को लगी तो उन्होंने लड़की पर दबाव बनाया लेकिन लड़की अपने माता-पिता के साथ मुरार पुलिस थाने पहुंच गई। जहां एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद दुष्कर्म का मामला दर्ज किया जा सका। पीड़ित लड़की ने मुरार पुलिस पर अपना और अपने परिजनों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। अब इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने सख्त आदेश देकर एक नजीर पेश की ।
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