अनूपपुर। सुमिता शर्मा ब्यूरो प्रमुख- क्या पाइपलाइन से ज्यादा आवश्यक था एयर कंडीशनर ?

अनूपपुर। सुमिता शर्मा ब्यूरो प्रमुख -नवगठित नगर परिषद की चकाचौंध के बीच, जेईएम पोर्टल से दना दन सरकारी सामान की खरीददारी की जानकारी सार्वजनिक हुआ एवं शिकायत के बाद 13 बिंदुओं के खरीदी को निरस्त भी कर दिया गया! कुछ गिनती के एयर कंडीशनर के लिए लिये लाखों का प्रस्ताव देखने को मिला जिनमे 4 लाख की कीमती एयर कंडीशनर कौतूहल का विषय बन गयी और सालों से गर्मियों में नगर परिषद को, जिस पानी की समस्या ने घेर रखा था वह आज भी यथावत जारी है।
अनूपपुर जिले के अंतर्गत अक्सर सुर्खियों में रहने वाले नगर परिषद बनगवां में, शुक्रवार की सुबह अपने मूलभूत हक की लड़ाई के लिए जनता ने सड़क का रास्ता आजमाना पड़ गया।
हम आपको बता दें कि नगर परिषद बनगवा में निर्वाचन के पूरे 9 महीने बीत चुके हैं मगर जनता को अभी तक मूलभूत आवश्यकताओं के लिए सड़क पर उतर के लड़ना पड़ रहा है।
यह बातें एक बेहद गम्भीर लापरवाही की तरफ इशारा कर रहीं है कि, जिस सरकार ने नल जल योजना के नाम पर हर घर को नल कनेक्शन से जोड़ने के नाम पर वोट लिया है आज उसी सरकार को अध्यक्षीय समर्थन देने नगर परिषद बनगवां की आवाम अपनी पानी की समस्या से पानी पानी हो गयी।

निकाय चुनावों में प्रत्येक वार्डो के लिए जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुए है परन्तु जनप्रतिनिधि अपने वार्ड की समस्याओ के लिए शासन से क्यों नहीं लड़ पा रहे हैं यह चिंता का विषय लगातार बन रहा है।

विगत दिनो शुक्रवार की सुबह वार्ड क्रमांक 1 के बनगवा दफाई और विशेषर दफाई के लोगों ने नगर परिषद का घेराव करने के लिए निकले तो उसे देखते हुये निर्वाचित अध्यक्ष एवं मुख्य नगर परिषद अधिकारी कार्यालय से ही निकल गए।

जनता ने निराश होते हुए जनप्रतिनिधि एवं मुख्य नगर परिषद अधिकारी को खोजते हुए चाय की दुकान पर ही पहुंचकर घेर लिया। अब ये इस जनता को कौन समझाए की इस नगर के राजा और मंत्री का रूप नगर परिषद अध्यक्ष और सीएमओ के लिए जो कार्य ज्यादा जरूरी है वही कार्य करने वह चाय दुकान पर गए थे।

हालांकि कई सवाल जन चर्चाओं में अभी भी चल रहे हैं कि, जनसेवा के लिए संविधान की शपथ लेकर आए हुए जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी अब जनता की समस्याओं से ही दूर भाग रहे हैं।

 *निर्वाचित हुए 9 महीने हो गए पी आई सी में क्यों नहीं रखा गया पाइपलाइन का मुद्दा*

विदित हो कि अध्यक्ष समेत सभी जनप्रतिनिधियों को निर्वाचन के 9 महीने बीत जाने बाद पाइपलाइन और उसके टीएस की याद आयी।

सवाल यह भी है कि पाइपलाइन की समस्या का यह मुद्दा क्या जनप्रतिनिधियो को नहीं मालूम था?

अगर उन्हें यह मालूम था पानी का अकाल नगर में हर साल पड़ता है फिर गर्मी आने से पहले ही पीआईसी में पाइपलाइन के लिए प्रस्ताव क्यों नहीं बनाए गए। जल की समस्या इंसान की मूलभूत समस्या है जिसको सरकार से प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति के पास संवैधानिक अधिकार मौजूद है, फिर इतनी गम्भीर समस्या को हल्के में लेकर कैसे जाने दे सकती है नगर परिषद बनगवां?

क्या संवेधानिक अधिकारों का उनकी नजर में कोई मोल नहीं है जो पानी की समस्या के लिए इतनी बड़ी लापरवाही बरती गई।

 *वार्ड पार्षद ने लगाई कई बार गुहार, बेबस होकर अपनाया सड़क का रास्ता: प्रतिदिन 2 टैंकर पानी का आश्वासन*
हम बता दे कि वार्ड क्रमांक 1 की पार्षद पार्वती पनिका द्वारा निर्वाचन के बाद लगातार पानी की समस्या को लेकर परिषद को अवगत कराया गया और इसके लिए आवेदन भी दिया गया था, मगर किसी भी अधिकारियों ने उस बात को गंभीरता से नहीं लिया और बेबस होकर वार्ड वासियों के साथ वार्ड क्रमांक 1 के पार्षद पति जीतेन्द्र कुमार पनिका एवं वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद पति भीम जयसवाल को सड़क पर उतरना पड़ा।
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