नववर्ष का आगाज

आओ! करें नमन नववर्ष का 
भूल पुरानी यादों के समंदर को
 मना ले नवल का त्यौहार
 मिलझूल झूमे गीत गाए।

 भूले दुःख -दर्द बीते वर्ष के 
माफ करे दिए कष्ट जिन्होंने 
इस नववर्ष की बेला पर 
बना लेते हैं शत्रु को भी मित्र ।

 चलेंगे संग में पुराने सखा 
भुला देंगे दुःख भरी यादों को 
अपनों का आशीर्वाद साथ में 
नववर्ष को लगा लो गले ।

शीत- ऋतु की ठंड में करें आगाज
 मन के मतवाले बन छा जा जग में 
एक- दूजे का साथ निभा ले दोस्ती
 आलस त्याग संघर्ष को लगाओ गले ।

सीमा रंगा इन्द्रा हरियाणा
स्वरचित रचना
टिप्पणियाँ
Popular posts
अनमोल विचार और सकारात्मक सोच, हिन्दू और बौद्ध विचार धाराओं से मिलते झूलते हैं।.गुरु घासीदास महाराज जयंती पर विशेष
चित्र
डबरा। दिब्याशु चौधरी बने डबरा तहसील के नय एसडीएम शहर को मिले नए आईएएस अधिकारी।
चित्र
महान समाज सेवक संत गाडगे बाबा की पुण्य तिथि पर विशेष
चित्र
माय गर्वनमेंट के यूथ एंबेसडर बने अमन, नए भारत के निर्माण में युवाओं की भागीदारी करेंगे सुनिश्चित।
चित्र
बहुजन समाज को जागरूक करने वाले मासीह मान्यवार कांशीराम साहब जी का जन्म दिन 87वे 15मार्च को , बहुजन समाज को भारत सरकार से भारत रत्न की मांग करना चाहिए।
चित्र