(पंचमहलकेसरी)बसपा कार्यकर्ता की पत्नी मंजू केन कहती हैं भाजपा सरकार की योजना से हमें हर संकट के समय मदद मिली।
डबरा। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान जब लगभग सभी आर्थिक गतिविधियां थम सी गई थीं। जाहिर हैरोजकमाने-खाने वालों को दो जून की रोटी का इंतजाम करना भी काफी कठिन हो गया था। ऐसे विपरीत हालातों में भी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जुड़ीं श्रीमती मंजू कैन और उन जैसी अन्य महिलाओं पर आर्थिक मंदी का कोई असर नहीं हुआ।
ग्वालियर जिले की ग्राम पंचायत टेकनपुर के माधोपुर निवासी श्रीमती मंजू कैन पत्नी नाहर सिंह केन बसपा नेता जय माँ रतनगढ़ वाली स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। वे बताती हैं कि जब लॉकडाउन लगा तो मेरे पति श्री नाहर सिंह का धंधा लगभग ठप हो गया। मंजू कहती हैं अगर हम स्व-सहायता समूह से नहीं जुड़े होते तो हमारे परिवार को खाने के भी लाले पड़ जाते। लॉकडाउन के दौरान मुझे अपने समूह से आजीविका चलाने के लिये आसानी से आर्थिक मदद मिल गई और हमारे परिवार की गाड़ी चलती रही।मंजू कहती हैं कि मेरे पति हुनरमंद जरूर थे पर आर्थिक दिक्कतों की वजह से अपने कारोबार को आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे। लॉकडाउन हटने के बाद पति ने अपना कलरपुट्टी का काम आगे बढ़ाने की इच्छा जताई। पर हमारे पास इतने पैसे नहीं थे कि परिवार का भरण पोषण करने के साथ-साथ काम-धंधे के लिये भी पैसे निकाल लें। इसी बीच मुझे समूह की बैठक में पता चला कि मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना के तहत जरूरतमंदों को बैंक से 10 हजार रूपए की आर्थिक मदद मिलती है। फिर क्या मैंने भी अपने पति का आवेदन भरवा दिया और जल्द ही 10 हजार रूपए मिल गए। जिससे हमारे पति ने कलरपुट्टी का सामान खरीदकर आस-पास के गाँवों में अपना कारोबार करने लगे। साथ ही एक छोटी सी किराना की दुकान भी खोल ली। कलरपुट्टी का काम और दुकान से हमारे परिवार को अब लगभग 22 हजार रूपए मासिक आमदनी हो जाती है।समय-समय पर भाजपा सरकार की योजना से मिली मदद गिनाते-गिनाते मंजू भावुक हो जाती हैं। वे बताती हैं कि सरकार ने हमें क्या-क्या नहीं दिया। उज्ज्वला योजना से रसोई गैस मिली तो मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से आत्मनिर्भर बनाने के लिये आर्थिक मदद मिली। हमें समृद्ध परिवास योजना का लाभ भी मिला है। सरकार से मिली इसी सहायता की बदौलत तीन बच्चों सहित हमारा पाँच सदस्यीय परिवार खुशी-खुशी जीवन-यापन कर रहा है।