डबरा।अपनी आजादी की खातिर देश का ले लिया स्वतंत्र था। आजादी के दीवाने बोस, भगत सिंह जी की प्रतिमाओं के सामने पढ़ी कवियों ने कविताएं


डबरा । अपने हिन्दुस्तान को अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने में अपने तन की कुर्बानी देकर वतन को आजाद कराया जिनकी बदौलत हम आज स्वतंत्रता की 74 वीं वर्षगांठ बड़े ही हर्षोल्लास से मना रहे हैं।उन्हीं वीर शहीदों को नगर के कवि साहित्यकारों ने नमन कर अपनी काव्य मय श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह पहला मौका था जब नगर के कवि, साहित्यकारों ने अभी हाल ही में नगर में स्थापित दो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और सरदार भगत सिंह की प्रतिमा पर पहुंच कर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर भारत के हर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन मंचों पर अपने डबरा नगर का नाम रोशन करने वाले के कवि धीरेन्द्र गहलोत 'धीर ने
वीर बिस्मिल और रौशन सिंह सी दीवांगी
अपनी आजादी की खातिर देश का ले लिया स्वतंत्र था
गीत क्या पढा उपस्थित जनसमूह ने भारत माता और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए।इस मौके पर श्याम श्रीवास्तव 'सनम', ओपी सेन 'आजाद', नवल सिंह चौहान, बृजमोहन श्रीवास्तव साथी,इब्राहिम ख़ान ने प्रतिमाओं के सामने अपनी अपनी प्रस्तुति दी।
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